उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के बकेवर थाना क्षेत्र के दांदरपुर गांव में 21 जून 2025 को हुई एक घटना ने न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे प्रदेश में सामाजिक और राजनीतिक हलचल मचा दी है। यह मामला शुरू में यादव समाज के कथावाचकों के साथ मारपीट, अपमान और उनकी चोटी काटने की घटना के रूप में सामने आया, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, इसमें कई नए और विवादास्पद मोड़ सामने आए। इस घटना ने जातिगत तनाव, सामाजिक ध्रुवीकरण, और राजनीतिक हस्तक्षेप को बढ़ावा दिया, जिसके चलते यह एक राष्ट्रीय चर्चा का विषय बन गया है। इस लेख में इस घटना को विस्तार से समझने की कोशिश की जाएगी, जिसमें सभी पक्षों के दावों, आरोपों, और सामाजिक प्रभावों का विश्लेषण शामिल है।
### **घटना का प्रारंभ: कथावाचकों के साथ बदसलूकी**
21 जून 2025 को दांदरपुर गांव में एक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया था, जिसमें कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत कुमार यादव भागवत कथा सुनाने पहुंचे थे। कथावाचकों का दावा है कि आयोजन के दौरान कुछ ग्रामीणों ने उनकी जाति पूछी और जब उन्होंने बताया कि वे यादव समाज से हैं, तो उन पर दलित होने का आरोप लगाकर मारपीट शुरू कर दी गई। वायरल हुए एक वीडियो में दिखाया गया कि भीड़ ने कथावाचकों की चोटी और बाल काटे, उन्हें एक महिला के पैर छूने और नाक रगड़ने के लिए मजबूर किया। इसके अलावा, आरोप है कि कथावाचकों को 5 घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया, उनके हारमोनियम को तोड़ा गया, और कथित तौर पर उन पर मानव मूत्र का छिड़काव भी किया गया।[](https://hindi.news18.com/amp/news/uttar-pradesh/etawah-people-misbehaved-with-yadav-kathawachak-in-etawah-police-action-after-video-goes-viral-akhilesh-yadav-demands-action-9330722.html)[](https://khabarlahariya.org/up-news-story-teller-misbehaved-with-in-etawah-womans-urine-thrown-on-the-story-teller/)
कथावाचक मुकुट मणि ने बताया कि उन्हें पहले कभी किसी ने उनकी जाति के बारे में नहीं पूछा था। उनके अनुसार, “हम 14-15 साल से कथा कह रहे हैं, लेकिन इस तरह का व्यवहार पहली बार हुआ। हमें बंधक बनाया गया, मारपीट की गई, और हमारे व्यास पीठ पर पेशाब फेंका गया।” संत कुमार यादव ने भी दावा किया कि हमलावरों ने जातिसूचक गालियां दीं और कहा कि “चमार कभी ब्राह्मण नहीं बन सकते।”[](https://www.etvbharat.com/hi/%21state/etawah-yadav-narrator-and-his-associate-hair-cutting-and-shaving-their-heads-know-whole-controversy-form-dadarpur-village-brahmin-family-uttar-pradesh-news-ups25062404654)[](https://khabarlahariya.org/up-news-story-teller-misbehaved-with-in-etawah-womans-urine-thrown-on-the-story-teller/)
### **पुलिस की कार्रवाई और प्रारंभिक जांच**
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद 23 जून 2025 को इटावा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों—अतुल, मनीष, पप्पू बाबा, और डीलर—को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस ने वायरल वीडियो और पीड़ित संत कुमार यादव की तहरीर के आधार पर धारा 115(2), 309(2), 351(2), और 352 बीएनएसएस के तहत मुकदमा दर्ज किया। अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित की गई, जो मामले की निष्पक्ष जांच कर रही है।[](https://www.bhaskar.com/local/uttar-pradesh/news/etawah-yadav-katha-vachak-beaten-by-brahmin-akhilesh-yadav-press-conference-135302130.html)[](https://navbharattimes.indiatimes.com/state/uttar-pradesh/etawah/four-accused-arrested-in-etawah-for-beating-cutting-hair-katha-vachak-ruckus-over-yadav-caste-up-crime-news/articleshow/122052027.cms)[](https://www.patrika.com/etawah-news/you-are-a-yadav-you-cannot-narrate-stories-in-etawah-the-narrator-was-mistreated-his-hair-was-cut-he-was-beaten-and-he-was-chased-out-of-the-village-19694486)
### **मामले में नया मोड़: छेड़छाड़ का आरोप**
घटना के कुछ दिनों बाद, 25 जून 2025 को मामले ने नया मोड़ ले लिया जब आयोजक परिवार की एक महिला, रेनू तिवारी, ने कथावाचकों पर छेड़छाड़ का गंभीर आरोप लगाया। रेनू तिवारी ने दावा किया कि कथावाचक मुकुट मणि यादव ने उनके साथ भोजन के दौरान अनुचित शारीरिक स्पर्श किया और गलत ढंग से उनका हाथ पकड़ा। महिला ने अपने पति और ब्राह्मण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण दुबे के साथ एसएसपी कार्यालय पहुंचकर कथावाचकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।[](https://www.aajtak.in/uttar-pradesh/story/etawah-yadav-kathavachak-accused-of-molesting-brahmin-woman-victim-told-whole-story-lclam-strc-2271478-2025-06-24)[](https://www.jagran.com/uttar-pradesh/etawah-katha-vachak-mukut-mani-accused-of-molesting-parikshit-wife-in-etawah-40002244.html)[](https://ndtv.in/uttar-pradesh-news/etawah-new-twist-in-the-case-of-misbehavior-with-yadav-kathavachak-molestation-charges-leveled-8759238)
रेनू तिवारी ने कहा, “हमने उन्हें पूजनीय समझकर बुलाया था, उनकी जाति देखकर नहीं। लेकिन उन्होंने मेरे साथ बदतमीजी की।” इस आरोप के बाद पुलिस ने कथावाचकों मुकुट मणि और संत कुमार यादव के खिलाफ धोखाधड़ी और छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज किया। ब्राह्मण महासभा ने भी कथावाचकों पर जाति छुपाने और महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।[](https://www.thesandeshwahak.com/case-filed-against-storytellers-in-etawah-story-controversy/)[](https://www.tv9hindi.com/state/uttar-pradesh/etawah-yadav-kathavachak-was-not-beaten-up-of-his-caste-indecency-with-women-real-reason-3359332.html)
### **महिला के बयानों में विरोधाभास**
महिला के बयानों में विरोधाभास ने इस मामले को और जटिल बना दिया। शुरुआत में, रेनू तिवारी ने दावा किया कि कथावाचकों ने अपनी जाति छुपाकर भागवत कथा का आयोजन किया, जिसके कारण ग्रामीणों ने उनके साथ मारपीट की। लेकिन बाद में, उन्होंने छेड़छाड़ का आरोप लगाया, जिसे कथावाचकों और उनके समर्थकों ने बचाव की रणनीति करार दिया। कथावाचकों का कहना है कि महिला का दूसरा बयान उनके खिलाफ बदले की भावना से प्रेरित है और इसका कोई ठोस सबूत नहीं है।[](https://www.jagran.com/uttar-pradesh/etawah-katha-vachak-mukut-mani-accused-of-molesting-parikshit-wife-in-etawah-40002244.html)[](https://www.etvbharat.com/hi/%21state/etawah-yadav-narrator-and-his-associate-hair-cutting-and-shaving-their-heads-know-whole-controversy-form-dadarpur-village-brahmin-family-uttar-pradesh-news-ups25062404654)
इसके अलावा, हाल ही में रेनू तिवारी का एक और बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर यादव समाज की महिलाओं और लड़कियों को “नंगा रोड पर नाचने” और “यदुवंशियों के सिर काटने” की बात कही। इस बयान ने सामाजिक तनाव को और बढ़ा दिया, और यादव समाज ने इसे जातीय उन्माद फैलाने वाला बयान करार देते हुए महिला की गिरफ्तारी की मांग की।
### **राजनीतिक और सामाजिक हस्तक्षेप**
इस घटना ने उत्तर प्रदेश की सियासत को गरमा दिया। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले को मानवाधिकारों और संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर वीडियो साझा करते हुए कहा, “अगर तीन दिनों में कार्रवाई नहीं हुई, तो हम पीडीए के मान-सम्मान की रक्षा के लिए बड़ा आंदोलन करेंगे।”[](https://hindi.news18.com/amp/news/uttar-pradesh/etawah-people-misbehaved-with-yadav-kathawachak-in-etawah-police-action-after-video-goes-viral-akhilesh-yadav-demands-action-9330722.html)[](https://www.themooknayak.com/obc-news/itawa-yadav-kathavachak-caste-atrocity-viral-video)
वहीं, ब्राह्मण महासभा ने कथावाचकों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए दावा किया कि घटना का आधा सच ही सामने लाया गया है। ब्राह्मण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण दुबे ने कहा, “कथावाचकों ने अपनी जाति छुपाई और महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया। उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए।”[](https://www.etvbharat.com/hi/%21state/etawah-yadav-narrator-and-his-associate-hair-cutting-and-shaving-their-heads-know-whole-controversy-form-dadarpur-village-brahmin-family-uttar-pradesh-news-ups25062404654)[](https://ndtv.in/uttar-pradesh-news/etawah-new-twist-in-the-case-of-misbehavior-with-yadav-kathavachak-molestation-charges-leveled-8759238)
26 जून 2025 को यादव समाज और ‘अहीर रेजिमेंट’ के लोगों ने दांदरपुर गांव में प्रदर्शन किया, जिसके दौरान पुलिस पर पथराव हुआ और आगरा-कानपुर नेशनल हाईवे जाम कर दिया गया। पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए हवाई फायरिंग करनी पड़ी और 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इटावा के एसएसपी को फटकार लगाई और कहा कि कुछ लोग यूपी में जातीय हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।[](https://navbharattimes.indiatimes.com/state/uttar-pradesh/etawah/etawah-uproar-how-people-suddenly-started-beating-story-tellers-while-asking-about-their-caste-watch-video-etawah/articleshow/122115065.cms)[](https://ndtv.in/uttar-pradesh-news/cm-yogi-adityanath-etawah-ssp-kata-wachak-choti-case-know-whole-matter-8761835)
### **सामाजिक प्रभाव और विश्लेषण**
यह घटना भारतीय समाज में गहरे बैठे जातिवाद और सामाजिक भेदभाव को उजागर करती है। कथावाचकों का दावा है कि उनकी जाति के कारण उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया, जबकि आयोजक पक्ष का कहना है कि छेड़छाड़ और धोखाधड़ी के कारण यह कदम उठाया गया। दोनों पक्षों के बयानों में विरोधाभास ने सच्चाई को और धुंधला कर दिया है।
महिला के हालिया बयान, जिसमें उन्होंने यादव समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की, ने इस मामले को और जटिल बना दिया है। यह बयान न केवल सामाजिक तनाव को बढ़ा रहा है, बल्कि इसे राजनीतिक रंग भी दे रहा है। यादव समाज ने इसे जातीय उन्माद फैलाने का प्रयास करार दिया है, जबकि ब्राह्मण महासभा इसे अपने समुदाय के सम्मान की रक्षा के रूप में देख रही है।
### **निष्कर्ष**
इटावा का कथावाचक विवाद एक ऐसी घटना है जो जातिगत भेदभाव, सामाजिक तनाव, और राजनीतिक हस्तक्षेप का जटिल मिश्रण बन गई है। कथावाचकों के साथ मारपीट और अपमान की घटना निंदनीय है, लेकिन छेड़छाड़ के आरोप और महिला के बदलते बयानों ने इस मामले को और उलझा दिया है। पुलिस और प्रशासन इस मामले की निष्पक्ष जांच करने का दावा कर रहे हैं, लेकिन सामाजिक और राजनीतिक दबाव के चलते यह आसान नहीं होगा। इस घटना ने एक बार फिर भारतीय समाज में जातिवाद की गहरी जड़ों को उजागर किया है और यह सवाल उठाया है कि क्या स्वतंत्र भारत में भी लोग जाति के आधार पर एक-दूसरे के साथ अमानवीय व्यवहार करना बंद करेंगे?[](https://khabarlahariya.org/up-news-story-teller-misbehaved-with-in-etawah-womans-urine-thrown-on-the-story-teller/)
इस मामले में निष्पक्ष जांच और सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई ही सामाजिक सौहार्द को बनाए रख सकती है। साथ ही, यह आवश्यक है कि ऐसे मामलों को राजनीतिक रंग देने के बजाय मानवता और संवैधानिक मूल्यों के आधार पर देखा जाए।[](https://www.themooknayak.com/obc-news/itawa-yadav-kathavachak-caste-atrocity-viral-video)
**शब्द गणना: 1050**
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