🗞️ नॉएडा ब्लाइंडसाइडर: पत्रकारिता का अंधेरा उजागर
परिचय – जब डिजिटल पत्रकारिता धब्बे में ढलने लगी
10 जून, 2025 को Noida पोलिस ने एक चौकाने वाला कदम उठाते हुए Bharat24 के पहचाने माने चेयरमैन और CEO, जगदीश चंद्र (75) के खिलाफ काम कर रहे दो पत्रकारों—Shazia Nisar (पूर्व एंकर, Bharat24) और Adarsh Jha (डिजिटल पत्रकार)—को गिरफ्तार किया। आरोप था ₹65 करोड़ की भारी रंगदारी की मांग और झूठे "रैप" मामलों से ब्लैकमेल करना ।
यह मामला मीडिया नैतिकता और आस्था पर एक गंभीर प्रहार बनकर सामने आया।
---
⚖️ FIR की गहराई से पड़ताल
1. तारीख़ और शिकायतकर्ता
FIR 8 जून को Jagdish Chandra के द्वारा दर्ज की गई ।
Channels के बड़े अधिकारी—Consulting Editor Anita Hada और HR Head Anushri Dhar—ने भी Shazia और Jha के खिलाफ आरोप लगाते हुए दो और FIRs दर्ज कराईं ।
2. मुख्य आरोप
**₹65 करोड़ की धमकी**: झूठे "रैप" मामले डालने और आत्महत्या जैसा चरम कदम उठाने जैसी धमकियों के आरोप के साथ ब्लैकमेल की बात कही गई ।
**₹2.26 करोड़ का शुरुआती भुगतान**: Channel के इलाज में Shazia को चेक द्वारा इस राशि की मदद की गई; इसके पास ऑडियो, वीडियो और ट्रांज़ैक्शन के सबूत मौजूद हैं ।
एलिमेंट्स: आरोप में Adarsh Jha की भूमिका Shazia का सहायक—कालेजिंग और आरोपों को आगे बढ़ाने में भूमिका निभाते बताए गए ।
---
🚓 पुलिस एक्शन—छापा और गिरफ्तारी
1. तलाशी और जब्ती
Shazia के दिल्ली आवास पर छापे में ₹34.5 लाख नकद, तीन मोबाइल, दो लैपटॉप और एक Scorpio कार जब्त की गई ।
Adarsh Jha को Ghaziabad, Indirapuram से गिरफ्तार किया गया ।
2. न्यायिक प्रक्रिया
दोनों को 10 जून को Noida Sector‑58 थाने से गिरफ्तार कर, जिला अदालत में पेश कर 14–15 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया ।
---
🏢 चैनल का जवाब – कैसे पहुंचा मामला पुलिस तक?
Jagdish Chandra ने स्पष्ट तरीक़े से कहा, “She is a blackmailer. The law of the land will take its course.” उन्होंने Shazia की नौकरी रद्द कर दी ।
Anita Hada और Anushri Dhar ने Shazia की झूठे उत्पीड़न की बात को खारिज करते हुए कहा—“अगर हकीकत होती, तो उन्होंने पहले शिकायत की होती… हम उनका साथ देते।”
वेतन का भुगतान केवल चैनल की प्रतिष्ठा बचाने की चिंता के चलते किया गया—“हम company की छवि खराब होने वाली थोड़ी देखना चाहते थे।” ।
---
📡 मीडिया जगत ने क्या कहा – सोशल मीडिया और रिपोर्टिंग
Wahiid Ali Khan (X पर) ने Shazia की पूर्व पहचान पर टिप्पणी करते हुए लिखा—“She is Shazia Nisar, Former Republic TV's reporter … arrested by Noida Police.”
Newslaundry की रिपोर्ट में उल्लेख था कि “she was fighting and threatening not just me but also senior colleagues… everyone was fed up of her” ।
---
🌪️ जांच की दिशा: क्या है अगली कड़ी?
1. डिजिटल ट्रायल
ऑडियो, वीडियो रिकॉर्डिंग्स की जांच तेज़ी से जारी—क्या कोई टेलीफोन कॉल या मैसेज हैं जिनसे अपराध की पुष्टि हो सके?
2. डॉटिक्शन फैलो नेटवर्क
पुलिस यह भी खंगाल रही है—क्या मामला केवल दो पत्रकारों का है या कोई blackmail syndicate भी इसमें शामिल है?
Shazia की माँ के खिलाफ भी FIR दर्ज हुई; उन्हें अभी गिरफ्तार नहीं किया गया ।
3. चैनल प्रबंधन की भूमिका
सवाल उठे हैं—अगर उत्पीड़न सच था, तो क्या किसी बड़े चैनल की प्रतिष्ठा के सामने चैनल के प्रमुख ही शिकायत दर्ज कराने में मूक क्यों रहे?
अब HR टीम की भूमिका, उसकी शिकायतें और चैनल के प्रबंधन का पीछे का सच सार्वजनिक जांच का हिस्सा हो सकता है।
---
🧭 मीडिया नैतिकता पर गहरी चोट
यह विवाद सिर्फ आर्थिक धोखाधड़ी से आगे बढ़कर पत्रकारिता और मीडिया नैतिकता के मूलभूत सवालों को छू रहा है:
क्या पत्रकार समाचार की विरासत को अपने निजी फायदे के लिए बेच सकती है?
क्या चैनल मालिक और उनके मीडिया हेड खुद भरोसेमंद स्रोत थे, लेकिन आदर्श न्याय का पालन छोड़ 餘?
सामान्य दर्शकों के लिए संदेश—भरोसे की नींव कब तक टिकेगी जब मुख्य पत्रकार धोखे में शामिल हो जाएँ?
सोशल प्लेटफॉर्म्स पर लोग already लिख रहे हैं—“extortion नए जमाने की भारतीय मीडिया की पहचान बनता जा रहा है।”
---
✅ निष्कर्ष
यह मामला 65 करोड़ की रंगदारी और झूठे गंभीर आरोपों पर तो केंद्रित है, लेकिन इसके पीछे किसी पत्रकारिता संकट और मीडिया विश्वास गिरावट की दास्तां भी छिपी हुई है।
1. बड़ी रकम की डिमांड: सिर्फ आर्थिक धोखा नहीं, बल्कि शक्ति और प्रभुत्व की लड़ाई।
2. ब्लैकमेल बनाम सरोकार: अगर पत्रकार की भूमिका पत्रकारिता होनी चाहिए थी, तो इसे शुरू से लौट क्यों नहीं आया?
3. चैनल वर्दी: मालिक तक जा पहुंचे आरोप—क्या यह मीडिया संस्थानों में पनपी गहराई का संकेत?
---
🔮 आगे का रास्ता
अगले 15 दिन—न्यायिक हिरासत, कोर्ट की सुनवाई, साक्ष्यों की पड़ताल।
0 टिप्पणियाँ