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योगी सरकार में अपराध बेलगाम! पुलिस चौकी से 200 मीटर दूर 10 लाख की डकैती, कानून-व्यवस्था राम भरोसे

 

 

 

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अपराधमुक्त समाज का दावा तो करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। अपराधी निडर होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं और पुलिस-प्रशासन कागजी कार्रवाई तक सीमित रह गया है। इटावा के ऊसराहार क्षेत्र में हुई 10 लाख की डकैती इसका ताजा उदाहरण है। जिस प्रदेश में पुलिस चौकी के मात्र 200 मीटर की दूरी पर अपराधी आराम से घर में घुसकर लूटपाट कर सकते हैं, वहां आम जनता कितनी सुरक्षित है, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।

👉 अपराधियों का आतंक, बेबस जनता

शुक्रवार देर रात सरैया गांव में सिक्योरिटी गार्ड उमेश कुमार के घर बदमाशों ने धावा बोल दिया। उमेश पुणे में नौकरी करते हैं और घर में उनकी पत्नी सीमा अपने 10 वर्षीय बेटे रोहित के साथ थीं। आधी रात को दो बदमाश छत के रास्ते घर में घुसे और सीमा को जगते ही दबोच लिया। जब उन्होंने विरोध किया, तो बदमाशों ने उनके बेटे की कनपटी पर तमंचा रख दिया। डर के मारे सीमा कुछ नहीं कर पाईं, और बदमाशों ने गेट खोलकर अपने चार अन्य साथियों को भी अंदर बुला लिया।

इसके बाद शुरू हुआ पुलिस प्रशासन की नाकामी और बदमाशों के दुस्साहस का असली खेल। बदमाशों ने महिला की आंखों में मिर्ची पाउडर डालकर उसे बुरी तरह से पीटा, ताकि वह विरोध न कर सके। इसके बाद घर में रखी नकदी और जेवरात लूट लिए। करीब एक लाख रुपये नकद और नौ लाख रुपये के गहने लेकर बदमाश आसानी से फरार हो गए।

👉 गांव में आतंक, पुलिस प्रशासन बेखबर

उसी रात गांव में एक और वारदात हुई। बदमाशों ने रामप्रकाश की दो भैंस खोल लीं और सर्विस रोड किनारे पिकअप में लोड करने लगे। लेकिन मकान मालिक शिवराज की आंख खुल गई और उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया। इससे घबराकर चोर भैंसों को छोड़कर फरार हो गए। इसी दौरान सीमा के घर से भी शोर की आवाज आई, लेकिन जब तक ग्रामीण वहां पहुंचे, तब तक डकैत फरार हो चुके थे।

गांव के ही अंगद सिंह यादव की भैंस भी उसी रात चोरी हो गई, जिससे ग्रामीणों को शक है कि यह किसी संगठित गिरोह की साजिश थी। यह साफ दर्शाता है कि अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं और पुलिस तंत्र पूरी तरह से फेल हो चुका है।

👉 पुलिस की "जांच जारी है", लेकिन अपराधी लापता!

इस वारदात के बाद भी पुलिस का वही पुराना ढर्रा देखने को मिला। जब ग्रामीणों ने सूचना दी, तो थाना प्रभारी मंसूर अहमद ने सिर्फ यही कहा कि "जांच की जा रही है" और "अभी तक कोई तहरीर नहीं आई है"। सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस अब तब तक कार्रवाई नहीं करेगी, जब तक पीड़ित खुद आगे आकर गुहार नहीं लगाए?

👉 योगी सरकार की "Zero Tolerance Policy" फेल?

योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दावा किया था। "Encounter Raj" के नाम पर कई अपराधियों को मारा भी गया, लेकिन इस घटना ने सरकार की नाकामी को उजागर कर दिया है। पुलिस चौकी के इतने नजदीक इस तरह की वारदात साफ दिखाती है कि अपराधी अब कानून से नहीं डरते।

ग्रामीणों का कहना है कि यदि पुलिस सच में अपना काम कर रही होती, तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती। सवाल यह उठता है कि जब योगी सरकार "Ram Rajya" की बात करती है, तो फिर जनता को सुरक्षित महसूस क्यों नहीं हो रहा? क्या उत्तर प्रदेश में अपराधी अब सरकार से ज्यादा ताकतवर हो गए हैं?

सरकार और पुलिस को इस घटना से सबक लेना चाहिए और अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। वरना वो दिन दूर नहीं जब यूपी में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी और जनता सिर्फ भगवान भरोसे रहेगी।

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