Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

फ़ोर्सियल युवा पूर्णम साहूकार की रिहाई के लिए भारी दबाव: सोशल मीडिया पर जनता ने आवाज़ उठाई

 फ़ोर्सियल युवा पूर्णम साहूकार की रिहाई के लिए भारी दबाव: सोशल मीडिया पर जनता ने आवाज़ उठाई

खुफ़ियापुर, 30 अप्रैल 2025: भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव के बीच एक गठबंधन युवा पूर्णम साहूकार का तानाशाही मामला है। पंजाब के इलेक्ट्रॉनिक्सपुर सेक्टर में 23 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार करने के बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने पूरी तरह से साहू को कब्जे में ले लिया था। अब, एक सप्ताह से अधिक समय तक पार्टी जाने के बावजूद उनकी रिहाई न होने से जनता में लोकप्रियता बढ़ रही है।
सोशल मीडिया एक्स प्लेटफॉर्म पर
@azaddastaknews
साझा की गई एक पोस्ट में इस मामले को मानक तरीके से उठाया गया है। पोस्ट में लिखा गया है, "एक सप्ताह से संयुक्त युवा फुलम साहू पाकिस्तान के राजदुलारे में है! सरकार और मीडिया चुप है। अब आवाज उठाई जाएगी और अपने सैनिकों को वापस लाना होगा!! पूर्णम साहू को वापस लाओ!" पोस्ट के साथ कई हैशटैग जैसे #BringBackourHero, #JusticeForPurnamSahu, और #SaveourSoldier ट्रेंड कर रहे हैं, जो जनता की अपील और साहू की सुरक्षित वापसी की मांग को बढ़ावा दे रहे हैं।
पूर्णम साहूकार, जो पश्चिम बंगाल के ऋषिरा, हुगली जिले के रहने वाले हैं, संप्रदाय की 182वीं बटालियन में बटालियन थे। सहयोगी अधिकारियों के अनुसार, साहूकार किसानों का एक समूह सीमा के पास एस्कॉर्ट कर रहा था, जब वह एक पेड़ के नीचे आराम करने के लिए विश्राम और सुविधा के लिए उद्यम क्षेत्र में चला गया। इसके बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया।
पोर्टफोलियो के अनुसार, एलामिनेट और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच अब तक तीन आयात-निर्यात के सौदे हो चुके हैं, लेकिन मंज़ूरी की रिहाई को लेकर कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। कंपनी के अधिकारियों द्वारा जारी एक तस्वीर में साहू की आंखों पर पट्टी बांधकर दिखाया गया है, जिसमें उनके परिवार और स्वास्थ्य की चिंता बढ़ गई है। साहू की पत्नी और माता-पिता रायपुर क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी हैं और उनसे उनकी रिहाई के बारे में जानकारी मांगी जा रही है।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। हाल ही में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहालगाम में आतंकवादी हमले हुए, जिसमें 26 साल पहले आतंकवादी हमले हुए थे, जिसके बाद दोनों देशों के बीच आतंकवादी संबंध और दोस्ती हो गई। पार्टी कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर साहूकार की गारंटी और सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की मांग की है।
सोशल मीडिया पर लोगों ने सरकार से इस मामले में कड़े कदम उठाने की अपील की है। एक किसान ने लिखा, "हमारा जवान अकेला नहीं है, पूरा देश उसके साथ है। सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।" वहीं, साहूकार परिवार ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह हरसंभव कोशिश करें कि उनके बेटे वापस आ जाएं।
इस मामले में अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जनता की भारी मांग और सोशल मीडिया पर चल रहे अभियान ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय चर्चा का विषय बना दिया है। पूर्णम साहूकार की रिहाई के लिए अब देश भर से आवाजें उठ रही हैं, और सभी की सहयोगी सरकार के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।
#पूर्णम_साहू_को_वापस_लाओ #बीएसएफ #भारत_पाकिस्तान
है social media per congress ne is mudde ko uthaya

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ