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गोमती नदी की जमीन बचाने की लड़ाई में तिरंगा महाराज ने जताया हत्या का खतरा

 


लखनऊ: गोमती नदी के किनारों और धारा को अवैध कब्जों से बचाने की मुहिम चला रहे दीपक शुक्ला उर्फ तिरंगा महाराज ने अपनी हत्या की आशंका जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर कहा कि उनकी जान को खतरा है और यदि उनकी हत्या होती है तो इसके लिए नीलांश वॉटर पार्क और रिसॉर्ट के मालिकों के साथ-साथ प्रशासन और उनकी ही पार्टी के कुछ भ्रष्ट नेता जिम्मेदार होंगे।


अवैध कब्जे और संघर्ष की शुरुआत


दीपक शुक्ला, जो खुद को एक गरीब ब्राह्मण किसान बताते हैं, लंबे समय से गोमती नदी के किनारे हो रहे अतिक्रमण और किसानों की जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका आरोप है कि नीलांश वॉटर पार्क और रिसॉर्ट के मालिक सतीश श्रीवास्तव, संतोष श्रीवास्तव, राजेश श्रीवास्तव और मदनलाल ने नदी की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है।


उनका कहना है कि इन प्रभावशाली लोगों ने गोमती नदी के बहाव क्षेत्र में बड़ी-बड़ी दीवारें और कमरे बना लिए हैं, जिससे न केवल नदी का प्राकृतिक प्रवाह बाधित हुआ है बल्कि किसानों की जमीन भी जबरन हड़प ली गई है। इस मामले की शिकायत उन्होंने बीकेटी तहसील, डीएम, मंडलायुक्त, मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव तक की, लेकिन कहीं से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।


प्रशासन और नेताओं पर गंभीर आरोप


तिरंगा महाराज का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तक अपनी शिकायत पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन उनकी ही पार्टी के कुछ नेताओं ने कथित रूप से इन भूमाफियाओं से पैसे लेकर मामले को दबा दिया।


उन्होंने लिखा, "मैं चाहता था कि मेरी आवाज मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री तक पहुंचे, लेकिन मेरी ही पार्टी के कई नेता इन भ्रष्टाचारियों के पैसों पर बिक गए। मेरी आवाज को दबाने के लिए पुलिस अब मुझे झूठे मामलों में फंसाकर अपराधी साबित करना चाहती है।"


हमलों का सिलसिला और हत्या की आशंका


तिरंगा महाराज पर पहले भी हमले हो चुके हैं। जब वे गोमती नदी की जमीन बचाने के लिए आंदोलन कर रहे थे, तब उन पर जानलेवा हमला हुआ था। इसके बावजूद उन्होंने अपनी लड़ाई जारी रखी।


अब उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा, "आज मैं बेहद निराश हूं और समझ नहीं पा रहा हूं कि आगे क्या करूं। लेकिन अब जो हालात हैं, उससे स्पष्ट है कि मेरी हत्या कर दी जाएगी। अगर मेरी हत्या होती है, तो इसके जिम्मेदार नीलांश वॉटर पार्क के मालिक और भ्रष्ट अधिकारी होंगे।"


उनकी इस पोस्ट के बाद किसान संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। वे मांग कर रहे हैं कि प्रशासन इस मामले की निष्पक्ष जांच करे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।


क्या करेगी सरकार?


तिरंगा महाराज की इस गंभीर चेतावनी के बाद सरकार और प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। यदि उनकी सुरक्षा को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया और उन्हें नुकसान पहुंचता है, तो यह सरकार के लिए एक बड़ी असफलता मानी जाएगी।


अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य उच्च अधिकारी इस मामले में कोई हस्तक्षेप करेंगे या फिर यह लड़ाई यूं ही अनसुनी रह जाएगी।


(यह खबर अपडेट की जाएगी।)


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