नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) समुदाय की उपेक्षा के आरोप लग रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा ने OBC वोट बैंक का इस्तेमाल कर सत्ता तो हासिल की, लेकिन सरकार बनने के बाद उनकी उपेक्षा की गई। इस मुद्दे पर हाल ही में कई सवाल उठाए गए हैं, जिनमें मुख्य रूप से 12 बड़े बिंदु शामिल हैं, जो दर्शाते हैं कि पिछले 9 सालों में OBC के साथ कैसा व्यवहार किया गया।
1. आरक्षण नीति में बदलाव
आरोप है कि OBC को 27% आरक्षण तक सीमित कर दिया गया, जबकि उनकी जनसंख्या 54% से अधिक है। इससे मेरिट में आगे रहने वाले OBC उम्मीदवारों को नुकसान हुआ।
2. Lateral Entry में OBC को अवसर नहीं
IAS की लेटरल एंट्री (प्रत्यक्ष भर्ती) में OBC के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं की गई, जिससे इस वर्ग के अधिकारियों को नुकसान हुआ।
3. सिविल सेवा चयन में भेदभाव?
साल 2015 की UPSC सिविल सेवा परीक्षा में 150 से अधिक OBC उम्मीदवारों को इसलिए बाहर कर दिया गया क्योंकि उन्होंने सामान्य वर्ग की मेरिट लिस्ट में जगह बना ली थी।
4. यूपी में OBC को नज़रअंदाज़ किया गया?
2017 में उत्तर प्रदेश चुनाव OBC चेहरे केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में लड़ा गया, लेकिन मुख्यमंत्री किसी और को बना दिया गया।
5. राम मंदिर ट्रस्ट में OBC की अनदेखी
राम मंदिर आंदोलन में OBC समुदाय की बड़ी भागीदारी रही, लेकिन राम मंदिर ट्रस्ट में OBC का प्रतिनिधित्व नगण्य है।
6. कल्याण सिंह की अनदेखी
राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (OBC) को मंदिर निर्माण के दौरान उचित सम्मान नहीं दिया गया।
7. शिक्षक भर्ती में OBC को नुकसान
उत्तर प्रदेश की 69,000 शिक्षक भर्ती में मेरिट में सामान्य वर्ग से आगे रहने के बावजूद 19,000 OBC उम्मीदवारों को आरक्षित कोटे में डाल दिया गया, जिससे कम मेरिट वाले OBC उम्मीदवार बाहर हो गए।
8. उच्च शिक्षा में OBC को सीमित किया गया
देशभर में विश्वविद्यालयों में OBC कुलपतियों (VC) और प्रोफेसरों की संख्या 27% आरक्षण के बावजूद बेहद कम है।
9. EWS आरक्षण से OBC को नुकसान?
सवर्णों के लिए बिना किसी आंदोलन के 10% EWS आरक्षण लागू कर दिया गया, जबकि OBC की दशकों पुरानी जातिगत जनगणना की मांग पर कोई सुनवाई नहीं हुई।
10. OBC छात्रवृत्ति बंद?
मोदी सरकार के आने के बाद OBC छात्रों के लिए मिलने वाली कई छात्रवृत्तियों को बंद कर दिया गया, जिससे गरीब OBC छात्रों को नुकसान हुआ।
11. OBC जनगणना पर चुप्पी क्यों?
देश में OBC जनसंख्या की सही संख्या जानने के लिए जातिगत जनगणना की मांग उठ रही है, लेकिन सरकार इस पर कोई कदम नहीं उठा रही।
12. भाजपा में OBC मुख्यमंत्री कितने?
भाजपा OBC वोटों के सहारे सत्ता में आई, लेकिन मुख्यमंत्री ज्यादातर सवर्ण वर्ग से बनाए गए।
क्या OBC के लिए नया राजनीतिक समीकरण बनेगा?
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर OBC समुदाय इन मुद्दों पर संगठित होता है, तो यह भाजपा के लिए 2024 और आगे के चुनावों में मुश्किल खड़ी कर सकता है। क्या OBC समुदाय अब अपनी राजनीतिक रणनीति बदलेगा, या भाजपा इस असंतोष को दूर करने के लिए नई नीतियां लाएगी? यह देखना दिलचस्प होगा।
आपकी राय?
क्या भाजपा सरकार ने OBC के साथ धोखा किया या यह सिर्फ एक राजनीतिक रणनीति है? आपकी राय हमें कमेंट में बताएं।
0 टिप्पणियाँ